“ Shri Ganesh Vandana ” Gajananam bhut ganadhisevitam kapithjambu phalcharu bhaksanam umasutam sok vinaskarkam namami vighnesvar padpankjam see more on our site
श्री अपरा एकादशी व्रत कथा युधिस्ठिर ने पूछा जनार्दन! जेस्ट के कृष्ण पक्ष में किस नाम की एकादशी होती है? मैं उसका महात्मा सुनना चाहता हूं। उसे बताने की कृपा कीजिए। भगवान श्रीकृष्ण बोले। राजन! तुमने संपूर्ण लोकों के हित के लिए बहुत उत्तम बात पूछी है। राजेंद्र! इस एकादशी का नाम अपरा है। यह बहुत पुण्य प्रदान करने वाली और बड़े-बड़े पापों का नाश करने वाली है। ब्रहम हत्या से दबा हुआ ,गोत्र की हत्या करने वाला, गर्भस्थ बालक को मारने वाला, पर निंदक तथा पर स्त्री लंपट पुरुष भी अपरा एकादशी के सेवन से निश्चय ही पाप रहित हो जाता है। जो झूठी गवाही देता, माप तोल में धोखा देता, बिना जाने ही नक्षत्रों की गणना करता और कूटनीति से आयुर्वेद का ज्ञाता बनकर वैद्य का काम करता है यह सब नरक में निवास करने वाले प्राणी है , परंतु अपरा एकादशी के सेवन से ये भी पाप रहित हो जाते हैं। यदि क्षत्रिय क्षात्र धर्म का परित्याग करके युद्ध से भागता है, तो वह क्षत्रियों चित धर्म से भ्रष्ट होने के कारण घोर नरक में पड़ता है...
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