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श्री राम स्तुति wikipedia

             🌻"श्री राम स्तुति "🌻           श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्  नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारूणम  कंदर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुंदरम  पट पीत मानहु तड़ित रुचि सूची नोमी जनक सुतावरम  भजू दिन बन्धु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम  रघु नन्द आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नंदनम  सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारु अंग विभूषणम  आजानुभूज सर चाप धर संग्राम जीत खर दुसनम  इति वदती तुलसी दास संकर शेष मुनि मन रंजनम  मम हृदय कंज निवास कुरु कामादि खल दल गंजनम  मनु जाहि राचेहू मिलेही सो बरु सहज सुन्दर सावरो  करुणा निधान सुजान सिलु स्नेहु जानत रावरो  एही भाती गौरी अशीस सुनी सिय सहित हिय हरसी अली  तुलसी भवानी ही पूजी पुनी पुनी मुदित मन मंदिर चली  जानी गौरी अनुकूल सिय हिय हरसु न जाहि कहीं  मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे Radhe Govinda channel https://youtube.com/c/RadheGovinda94radhe radhego.blogspot.com

श्री गंगा स्तुति Ganga Stuti

                 श्री  गंगा  स्तुति    जय जय भागीरथ नंदिनी, मुनि चय चकोर चंदिनी, नर नाग बिबुध बंदिनी जय जहनु बालिका बिस्नु पद सरोज जासी ईस सिसपर बिभासी

अपरा एकादशी महात्म्य wikpidia

        श्री अपरा एकादशी व्रत कथा   युधिस्ठिर ने पूछा    जनार्दन! जेस्ट  के कृष्ण पक्ष में किस नाम की एकादशी होती है?    मैं उसका महात्मा सुनना चाहता हूं। उसे बताने की कृपा कीजिए। भगवान श्रीकृष्ण बोले।   राजन! तुमने संपूर्ण लोकों के हित के लिए बहुत उत्तम बात पूछी है।  राजेंद्र! इस एकादशी का नाम अपरा है। यह बहुत पुण्य प्रदान करने वाली और बड़े-बड़े पापों का नाश करने वाली है। ब्रहम हत्या से दबा हुआ ,गोत्र की हत्या करने वाला, गर्भस्थ बालक को मारने वाला, पर निंदक तथा पर स्त्री लंपट पुरुष भी अपरा एकादशी के सेवन से निश्चय ही पाप रहित हो जाता है। जो झूठी गवाही देता, माप तोल में धोखा देता, बिना जाने ही नक्षत्रों की गणना करता और कूटनीति से आयुर्वेद का ज्ञाता बनकर वैद्य का काम करता है यह सब नरक में निवास करने वाले प्राणी है , परंतु अपरा एकादशी के सेवन से ये भी पाप रहित हो जाते हैं। यदि क्षत्रिय  क्षात्र धर्म  का परित्याग करके युद्ध से भागता है, तो वह क्षत्रियों चित धर्म से भ्रष्ट होने के कारण घोर नरक में पड़ता है। जो शिष्य विद्या प्राप्त करके स्वयं भी गुरु की निंदा करता है ,वह भी महा पापों से यु

Shri Ganesh Vandana in english - wikipidea

      “ Shri Ganesh Vandana ” Gajananam bhut ganadhisevitam kapithjambu phalcharu bhaksanam umasutam sok vinaskarkam  namami vighnesvar padpankjam see more on our site